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विदेशी और जलीय पशु स्वास्थ्य प्रभाग

विदेशी और जलीय पशु स्वास्थ्य प्रभाग

उद्देश्य:

  • विदेशी मछली प्रजातियों के जोखिमों और प्रभावों का आकलन।
  • संक्रमित जलीय जीवों की बीमारियों का डायग्नोसिस, नियंत्रण और उपचार हेतु रणनीति और तकनीक को विकसित करना।

थ्रस्ट एरिया:

  • देश में विदेशी प्रजातियों के प्रति निर्णय लेने और प्रबंधन के लिए जोखिम मूल्यांकन।
  • आवश्यक फिश पैथॉजन्स के लिए मॉलीक्यूलर डॉयग्नॉस्टिक तकनीक का विकास।
  • मत्स्य स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए प्रोफाइलैक्टिक और थेरॉप्टिक उपायों पर रिसर्च।

मुख्य उपलब्धियां:

  • देश में एक्ज़ोटिक की भूमिका को चलाने के लिए एक्वेटिक एक्ज़ोटिक एण्ड क्वारंटाइन एण्ड एक्वाटिक एक्ज़ोटिक एण्ड क्वारेंटाइन गाईडलाइन्स के लिए नेशनल राष्ट्रीय प्लान।
  • टिलापिया, सुची कैटफिश, ऑर्नामेंटल फिश और व्हाइट श्रिंप के निर्यात के लिए प्रजाति विशेष निर्देशों का विकास।
  • कॉमन कार्प और टिलापिया के लिए सिंपल और जेनरिक रिप्रोडक्टिव कंटेनमेंट प्रोटोकॉल्स का विकास।
  • विभिन्न ड्रेनेज में एलियन फिश प्रजाति के वितरण पर डाटा तैयार किया गया और विकसित जोखिम मूल्यांकन प्रक्रिया और प्रोटोकॉल का उपयोग करके 14 प्रजातियों के प्रभावों को परिमाणित किया गया।
  • ओआईई-लिस्टेड पेथोजन्स जैसे अफानोमाइसेस इनवेडन्स, कोई हर्प्स वायरस, येलोहेड वायरस और टौरा सिंडरोम वायरस का पता लगाने के लिए मॉलीक्यूलर तकनीक का विकास।
  • ट्रॉपिकल मछलियां जैसे इट्रोप्लस सुरात्निस, सिप्राइनस कारपियो और लेबियो रोहिता द्वारा सेल लाइन का विकास।
  • आवश्यक एक्वेटिक माइक्रोब्स जैसे फ्लैवोबैक्टीरियम, एरोमोनस और एफेनोमाइसेस इंवेडन्स को रिपोज़ीटरी में रखा है।
  • लेबियो रोहिता और चन्ना स्ट्रेटस के सीरम इम्यूनोग्लोबलिन्स के विरुद्ध मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज़ उत्पादित किए।